Mokshada Ekadashi Importance
हमारे हिन्दू धर्म में एकादशी का बहुत बड़ा महत्व है | सालभर में कई व्रत होते है इसमेसे मोक्षदा एकादशी का व्रत मोक्ष पाने के लिए, पापो से मुक्ति के लिए महत्वपूर्ण है | Mokshada Ekadashi पूजा का मुहूर्त: शाम १६:३० से शाम १७:३० संध्या बजे तक |
पूजा का मंत्र : श्री कृष्ण दामोदराय नमः॥
Mokshada Ekadashi मोक्षदा एकादशी मोह का क्षय करती है | इसलिये इसे मोक्षदा कहते हैं |
कथा अनुसार गोकुल के काल मे राजा वैखानस के स्वप्न में उसने अपने पिताजी को नरक जाते देखा |
फिर उस राजा ने पापों के काट में मोक्षदा एकादशी का व्रत कर के उसका फल पिता को अर्पण किया जिससे उनके पिता को मोक्ष प्राप्त हुआ |
पद्मपुराण के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर से कहा था की मोक्षदा एकादशी Mokshada Ekadashi के दिन तुलसी की मंजरी, धूप-दीप आदि से भगवान श्री दामोदर का पूजन करने से पापो का नाश होकर मोक्ष मिल जाता है |
मोक्षदा एकादशी के दिन ये व्रत उपवास का पालन करते हुए भगवान श्री दामोदर का नमस्मरण करना चाहिए|
मोक्षदा एकादशी के दिन चावल, जौ लहसुन और प्याज या मांस,मदिरा, मैदा गेहू मतलब व्रत को तोड़ने वाले चीजो के सेवन से व्रत का लाभ नहीं होता| मोक्षदा एकादशी से फल प्राप्ति के लिए व्रत के नुसार चीजो का सेवन करे| Mokshada Ekadashi Importance. Read More Mokshada Ekadashi.
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